Thursday, January 10, 2013

प्रधान मंत्री जी सैनिक पेड़ो पर नही लगते जागो पाकिस्तान को जबाव दो।

शहीद हेमराज की शहीदी पर मैं ज्ञानेश कुमार उस अमर शहीद को हिन्दु समाज के साथ अश्रुपूरित श्रद्धाञ्जलि देता हूँ और इस कपोत राज सरकार से कहता हूँ कि 
   केवल पग्गड़ बाँधने से कोई सरदार नही होता
                      प्रधान मंत्री बन जाता है पर वह प्रधान नही होता 
   मनमोहन है नाम तुम्हारा आँखों पर पट्टी मत बाँधो
                      भारत माँ घायल है उस पर और घाव अब मत लादो
   मनमोहन है नाम नही केवल शारीरिक मिटटी का
                       गांधारी की तरह सदा आंखों पर बांधी पटटी का।
   गांधारी औरत थी उसकी यह पीड़ा भी कम न थी 
                      वह फिर भी वीरांगनाओं में गिनती रखती थी
   सौ पुत्रों को जन्म दिया और सौओं निकले आतंकी 
                     उस माँ की हिम्मत भी दैखो जिसने सबकी मौत चखी ।
  मनमोहन जी कुछ समझो और असली सिख्खी दिखलाओ
                     अपनी माताजी को भी अब सम्मान जरा तुम मिलवाओ।
  क्यूं भारत माँ का दामन दुःखो से भर बाया है 
                     इटली की बेटी के आगे माँ का शीश झुकाया है।
  1500 वर्षों से हमसे जिस दानव ने खेला है 
                     गुरु गोविन्द व तेग बहादुर ने जिसको झेला है।
  बन्दा व बैरागी को भी कभी तो याद किया होता
                     तो भारत माँता का सीना एसे छलनी ना होता
  तुमने अपना शिर रख दीना भ्रष्ट पार्टी खाने में 

                     भारत की जनता को लूटा जिसने जीने में मर जाने में 
  भारत की आजादी को हिन्दु ने बलिदान किया 
                     सिख्खों ने ताकत दी उसको हिन्दु को बलबान किया 
  शहीद भगत सिंह और लालपत लाला पर मेरी आंखे रोती है
                             जिनको मिटा मिटा कर ये सरकारें खुश होतीं है।

   जिसने वीरों की समाधि को पैरों से रुदवाया है
                     भारत के वीरों की वाणी को अंगूठा दिखलाया है।
   वीर शिवा और महाराणा जिन्हैं चोर दिखाई देते हैं
                     टीपू , तुगलक बाबर जिनको गुणवान दिखाई देते है
   जिनको दया नही आती है हिन्दु के मर जाने पर 

                             वे ही रोते देखे हैं आतंकी के मर जाने पर 
   जो सैनिक के मर जाने पर छोटी वातें कह सकते हैं
                        पाकिस्तानी आतंकी को 'जी' उद्वोधन कर सकते हैं।
   औरंगजैव और टीपू जिनको महान दिखाई देते हैं 
                            अकबर और अलाउद्दीन महान दिखाई देते हैं
   वहिन वेटियों की इज्जत को जिन्हौने नीलाम किया 
                       मन्दिर तोड़ तोड़ कर जिनने भारत को गुमनाम किया
राजाओं के महल जिन्हौने कब्जे करके अपना नाम दिया 
                       वास्तुकला की शैली कहकर सरकारों ने सम्मान दिया 
   इन्हीं कुकर्मों को सरकार दिखाऐं जाती है 
                        मन्दिर तोड़क दुष्टों को महान बताऐ जाती है
   भारत पर जजिया कर लादा हिन्दु को बरबाद किया
                            दूजे ने भारत में आकर 3शदी तक राज किया 
   इस्लाम का बचा खुचा लेकर हमको बरबाद किया 
                            ज्यों पहले से ही मृत शरीर से कपड़ा भी उतार लिया
   सेवा सेवा की बाते कहकर जिसने गरीब भी लूट लिये
                           विरोध किया पेड़ो से लटका नीचे से फूँक दिये ।
   भारत के हिन्दु हिन्दु को जात पाँत में बाँट दिया 
                    वनबासी को आदिबासी बता बता भारत को बदनाम किया 
                     सेवा करने के नाम जहाँ पर एस्प्रिन बाँटी जाती है
    हिन्दु धर्म से दूर हटाने की तिकड़म अपनायी जाती हैं
                     भारत को नये नये प्रान्तों में बाँटने की साजिस की जाती है
    उन ईसाई और मुसल्मा का भारतीय संसाधन पर 
                      मनमोहन जी तुमने ही कल पहला हक बतलाया है।  

मथुरा | बुधवार सुबह जब सूरज ने आंखें खोलीं तो कोसीकलां के लोगों के लिए इतिहास बदल चुका था। दूरदराज में बसे गांव खैरार के एक घर का बेटा पूरे देश का सपूत बन गया था। वह भी महज तीस साल की उम्र में। हेमराज से हर कोई अपना रिश्ता जोड़ना चाह रहा था। खैरार ही नहीं आसपास के गांवों के लोग भी यह बताना नहीं भूल रहे थे कि पिछली बार छुट्टी पर आए हेमराज ने उनसे क्या कहा था। कोई हेमराज का छुटपन याद कर रहा था तो कोई उनका विद्यार्थी जीवन। कोई सेना की वर्दी में सजे उनके व्यक्तित्व को जेहन में टटोल रहा था तो कोई उनके बांकेपन पर फिदा था। जितने मुंह-उतनी बातें। सच ही कहा गया है, शहादत होती ही है इतनी गौरवशाली कि जीते-जी लोग उसकी कल्पना से रोमांचित हो उठते हैं। अपनी धरती पर आए दुश्मन से दो-दो हाथ करते हुए शहीद हुए लांसनायक हेमराज की खबर जिसने सुनी, उसके पांव उनके घर की ओर मुड़ गए। वीरगति पाए योद्धा के दर को सलाम करने के लिए मेला लग गया। गांव की हद छोटी पड़ गई, जनसैलाब उसके बाहर तक हिलोरे ले रहा था। सायंकाल शहीद का शव आने तक लोगों का हुजूम डटा रहा। मौके पर मौजूद डीएम समीर वर्मा और एसएसपी प्रदीप कुमार ने गांव के बुजुर्गो से बात करके शव पेटिका को खुलने नहीं दिया। माना जा रहा है कि शहीद के छत-विक्षत शव को देखकर भावनाएं न भड़कें, इसलिए प्रशासन ने यह कदम उठाया। इससे पहले सुबह आई बेटे की शहादत की खबर ने कुछ देर के लिए मां मीना देवी को भाव विह्वल किया, लेकिन उसके बाद साथ की महिलाओं के साथ वह बहू धर्मवती को संभालने में लग गईं। शहीद की पत्‍‌नी की हालत ने मौके पर मौजूद सभी की आंखों को नम कर दिया। हेमराज को सेना में जाने का शौक ऐसे ही नहीं चढ़ा। इसका कारण उनका फौजी परिवार में पला-बढ़ा होना था। प्रेरणास्त्रोत बने सेना में नौकरी कर चुके उनके दो चाचा। ऐसे में हेमराज भी बहादुरी दिखाने को सन 2001 में सेना में भर्ती हो गए। मृदुभाषी और सौम्य व्यवहार के धनी हेमराज को हथियारों से बेहद प्यार था।
          अभी मैच जीते तुम्हैं बहुत समय नही बीता है बहुत खेल लिए क्रिकेट अगर खेल का भूत उतर गया हो तो सीमा पार से भारतीय सैनिकों के साथ हो रहै खेल का भी होश कर लो और जबाव दो पाकिस्तान को वैसे तुमसे उम्मीद करना ही व्यर्थ है क्योकि तुम तो एक लूलू प्रधान मंत्री हो जो कि अपने आप बैठ भी नही सकते और खड़े भी नही हो सकते।खैर अपनी सोनिया जी से कुछ बता ही दो कि बाद में भारत को बरबाद कर लेना अभी तो पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ लो।क्योंकि अगर जंग जीत गये तो जंग जीत सिंह कहला जाऔगे और भारत की यह निरीह व बेबकूफ जनता आपको मनमोहन सिंह की जगह जंगजीत सिंह कहने लगेगी और फिर भारत लूटो अभियान में भारत की माता श्री मती सोनिया गाँधी जी की हसरते जल्दी ही पूरी हो सकेगी।क्योकिं बेवकूफ भारतीय दोबारा बैबकूफ बन ही जाऐंगे वैसे भी अभी विपक्ष का मैराथन कम नही हुआ है।इन्हैं मैराथन करने दो जब तक जंग जीत कर जंग जीत बन जाओं कुछ इज्जत जनता की नजरों में हो जाएगी।वैसे भी भारत अगर जीत भी जाए तो लाइन लैडी की तरह तुम्हारे हाथ में भी भारत की तकदीर है ही जैसे आयरन लैडी इन्दिरा गाँधी ने भारतीय सैनिकों की जीत को पलीता लगाकर पाकिस्तान को उसकी जमीन व सैना दे दी थी वैसे तुम भी दे देना हाँ बस हम चाहते हैं कि एक बार आर पार की हो जाए क्योंकि इससे इन पाकिस्तानियों के दिमाग कुछ समय के लिए ठिकाने में आ जाऐंगे वैसे भी हमारे भाग्य में तो परेशान होना लिखा ही है कि आजादी का मूल्य हिन्दु दे लैकिन संसाधनों पर पहला हक मुसलमान व ईसाई पाएगा यह आपने पहले ही घोषित कर ही दिया है।बाकी मुझ वेवकूफ के अलाबा और भी है जिन्हौने यह कहा है लो पढ़ो और शेयर करो जो लिंक करने लायक समझे लिंक भी कर लें किन्तु चोरी न करें।        जय श्री राम
 कुछ महत्वपूर्ण लोगो की राय ---
1.जनरल शंकर राय चौधरी - श्री चौधरी का कहना हैं की हमें युद्ध की तैयारी करनी चाहिए हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए सांस्कृतिक आदान -प्रदान भले ही चलता रहें हमें उनका जवाब उसी भाषा में देना चाहिए जो वह समझते हैं
2. भरत शर्मा --प्रमुख रक्षा विशेषज्ञ शर्मा का कहना हैं की बात चीत का समय समाप्त हो गया अब जवाब देना का समय आ गया हैं
3. मुख्तार अब्बास नकवी -- भाजपा प्रवक्ता ने कल कहा की अगर उसने दो सर काटा हैं तो हमें 20 सर काट कर उसका जवाब देना चाहिए
4. उद्धव ठाकरे -- भारत सरकार में अगर हिम्मत हैं तो पाक में घुस कर बदला लेना चाहिए नही तो पाक इस सरकार में दिल्ली में घुस जाएँगी
कारगिल युद्ध में भारत सरकार जानती थी की उपर सब पाकिस्तानी सैनिक हैं लेकिन एक बार भी अटल सरकार ने पाकिस्तान का नाम नही लिया और कहा सब आतंकवादी हैं और हमारे सैनिक लतिया कर पाक को उसकी औकात बताएं

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