Wednesday, December 5, 2012

महाभारत काल में विमान होने का प्रमाणित सबूत मिला...

हिन्दु दुनिया का एकमात्र धर्म जिसका इतिहास वास्तव में विज्ञान के चमत्कारों से भरा है आज कल का विज्ञान भी जिस हिन्दु इतिहास से अथबा वेदों से ही ज्ञान पाता है नमन है उस राष्ट्र को और नमने है उन वैज्ञानिक जिन्हैं हम महर्षि या ऋषि कहते हैं ।अभी मेरे मित्र जिनका फेसबुक पर आर्यावृत के नाम से खाता है ने एक सूचना शेयर की है जो मुझे लगी कि सभी पाठकों को भी पता होनी चाहिये इसलिए मैने इसे यहाँ आपके पढ़ने के लिए डाल दिया है आप पाठको से आशा है कि आप लोग इसे अधिक तम प्रचारित करोगे जिससे दुनिया को पता चले कि हिन्दु क्या चीज थी
रोमानिया में एक छोटा सा शहर है Aiud, यहाँ से कुछ मील की दुरी पर Mures नदी के पास खुदाई के दौरान लगभग चतुर्भुज आकृति तथा मिश्र धातु की एक कील मिली।

शोधकर्ता Boczor Iosif जांच

की और बताया कि कील रेत में 35 फीट नीचे से निकली गयी है ।

Lars Fischinger और उनके एक सहयोगी, डा. Niederkorn, ने इस पर रिपोर्ट पेश की तथा Institute for Research and Design संस्थान में कील का विश्लेषण किया।


उन्होंने बताया की ये कील मिश्र धातु अर्थात 12 अलग-अलग धातुओं से बनी है।


उनकी रिपोर्ट के अनुसार उस कील में एल्यूमीनियम 89% "6.2% तांबा / सिलिकॉन 2.84% / 1.81% / जस्ता 0.41% का नेतृत्व / टिन 0.33% / zirconium 0.2% / 0.11% / कैडमियम 0.००२४% निकल / / 0, 0023% कोबाल्ट / विस्मुट ०.०,००३% / 0.0002% चांदी और Galium के निशान." हैं।


परीक्षण के परिणामस्वरुप शोधकर्ताओं हैरान थे की रोमानिया में एल्यूमीनियम को बनाना 1800 के बाद सिखा और इसे बनाने की लिए 1000 डिग्री फेरनहाइट तापमान की जरूरत भी पड़ती है फिर ये चीज है कहाँ से....


और जब ये कील मिली तो इसकी उम्र लगभग 400 वर्ष पुरानी आकी जा रही थी लेकिन जब इसका कार्बन 14 परिक्षण किया गया तो पता चला की ये कील तो 11,000 B.C.E. तक साल पुरानी है। जो विमान युग समय से मेल खाता है। तथा इसकी पहचान विमान के गियर के रूप में हुई जब विमान नीचे उतरता था तो ये कील उसे सपोर्ट देती थी।


1995 रोमानिया के एक और शोधकर्ता Florian Gheorghita, दो अलग प्रयोगशालाओं the Archaeological Institute of Cluj-Napoca and an independent Swiss lab में द्वारा दुबारा फिर इस कील की जांच की गयी और वही परिणाम सामने आये।


Gheorghita अपनी पुस्तक Ancient Skies में लिखा है की कि यह एक विमान लैंडिंग गियर का हिस्सा था। Aiud की रहस्यमय कील एक विमान लैंडिंग गियर का एक टुकड़ा है जो कि कुछ 11,000 साल पहले एक विमान गिर गया था।
महाभारत काल में विमान होने का प्रमाणित सबूत मिला... अवश्य पड़ें

रोमानिया में एक छोटा सा शहर है Aiud, यहाँ से कुछ मील की दुरी पर Mures नदी के पास खुदाई के दौरान लगभग चतुर्भुज आकृति तथा मिश्र धातु की एक कील मिली।

शोधकर्ता Boczor Iosif जांच
की और बताया कि कील रेत में 35 फीट नीचे से निकली गयी है ।

Lars Fischinger और उनके एक सहयोगी, डा. Niederkorn, ने इस पर रिपोर्ट पेश की तथा Institute for Research and Design संस्थान में कील का विश्लेषण किया।

उन्होंने बताया की ये कील मिश्र धातु अर्थात 12 अलग-अलग धातुओं से बनी है।

उनकी रिपोर्ट के अनुसार उस कील में एल्यूमीनियम 89% "6.2% तांबा / सिलिकॉन 2.84% / 1.81% / जस्ता 0.41% का नेतृत्व / टिन 0.33% / zirconium 0.2% / 0.11% / कैडमियम 0.००२४% निकल / / 0, 0023% कोबाल्ट / विस्मुट ०.०,००३% / 0.0002% चांदी और Galium के निशान." हैं।

परीक्षण के परिणामस्वरुप शोधकर्ताओं हैरान थे की रोमानिया में एल्यूमीनियम को बनाना 1800 के बाद सिखा और इसे बनाने की लिए 1000 डिग्री फेरनहाइट तापमान की जरूरत भी पड़ती है फिर ये चीज है कहाँ से....

और जब ये कील मिली तो इसकी उम्र लगभग 400 वर्ष पुरानी आकी जा रही थी लेकिन जब इसका कार्बन 14 परिक्षण किया गया तो पता चला की ये कील तो 11,000 B.C.E. तक साल पुरानी है। जो विमान युग समय से मेल खाता है। तथा इसकी पहचान विमान के गियर के रूप में हुई जब विमान नीचे उतरता था तो ये कील उसे सपोर्ट देती थी।

1995 रोमानिया के एक और शोधकर्ता Florian Gheorghita, दो अलग प्रयोगशालाओं the Archaeological Institute of Cluj-Napoca and an independent Swiss lab में द्वारा दुबारा फिर इस कील की जांच की गयी और वही परिणाम सामने आये।

Gheorghita अपनी पुस्तक Ancient Skies में लिखा है की कि यह एक विमान लैंडिंग गियर का हिस्सा था। Aiud की रहस्यमय कील एक विमान लैंडिंग गियर का एक टुकड़ा है जो कि कुछ 11,000 साल पहले एक विमान गिर गया था।

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