आजकल जिस तरीके से फेसवुक,व अन्य इण्टर नेट पर किये लिखे गये वक्तव्यों पर सरकारे जिस तरीके से लोगों को कैद किया जा रहा है वह बहुत शोचनीय है।क्या व्यक्ति को दिये गये मूल अधिकारों को सरकारे दवाना चाह रही हैं।यह ठीक है कि कुछ लोग आजादी का गलत मतलब निकाल लेते हैं लैकिन इस प्रकार से तो कोई व्यक्ति विरोध प्रदर्शित ही नही कर सकेगा तथा सरकारे मनमाने काम करने लग जाऐंगी।और समाज में अस्तव्यस्तता पैदा हो जाएगी।हाँ अगर कोई व्यक्ति किसी आतंकबादी घटना को अंजाम देना चाहता हो तो समाज सुरक्षा के लिए यह एक जरुरी कदम होगा किन्तु किसी व्यक्ति ने किसी पार्टी की आलोचना कर दी तो उसे गिरफ्तार करलिया जाए यह तो ठीक बात नही लगती है औऱ उस व्यक्ति को संविधान प्रदत्त अधिकारों की सरकारों द्वारा खुली धज्जियाँ उडा़ना ही कहा जा सकता है या यह कहा जाए कि सरकार अघोषित आपातकाल लाना चाहती है वरना तुम तो राम नही हो आलोचना तो राम की भी होती थी फिर तुम क्या चीज हो।इण्टर नेट यूजर भी इस बात को समझे तथा कमेण्ट ज्यादा से ज्यादा दें ।देखो दुनिया में इस आजादी के लिए क्या हो रहा है।
No comments:
Post a Comment