Friday, November 23, 2012

टाफी खाने की उम्र में गोली हम भी खाकर देखे-मोनू वशिष्ठ

आओ जरा एक बार हाँ खुद को,
इस जगह पर रखकर देखें ,
टाफी खाने की उम्र में ,
गाली हम भी खा कर देखें ,
क्या कहती ये मासूम सी आँखें ,
एक दुनिया इसकी नज़र से देखें ,
क्यूँ कालिक सी है चेहरे पर,
हम भी तो यूँ सजकर देखें,
क्या ऐसा ही था अपना बचपन ,
ये बचपन भी जीकर देखें ,
कहाँ हसी खो गई इस चेहरे की,
हम भी तो जरा खोकर देखें,
कैसे थककर सोती ये आँखें ,
हम भी तो यूँ थककर देखें ,
एक बार ज़रा अपने बच्चे को,
इस तस्वीर में रखकर देखें ......
--- मोनू वशिष्ठ

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